जब बचपन हुआ करता था - Hindi Poem हिंदी में कविता ।
वो फटा हुआ जेब हमेशा , भरा-भरा रहा करता था
अठनी की भाव से , दुनियां का शौदा किया करता था ।
वो दिन ही क्या था यारो ! जब बचपन हुआ करता था ।
ना फिक्र थी लोगों की , सब कुछ दिल से किया करता था।
लड़ते थे आपस में ही ,पर अलग रहने का दिल न करता था ।
वो दिन ही क्या थी यारों ! जब बचपन हुआ करता था ।
गर्मियों की छूटी में , आम- अमौरी चुना करता था ।
अब वो लंगोटिया यार कहां ! जो निःस्वार्थ होमवर्क बनाया करता था ।
वो दिन ही क्या था यारो ! जब बचपन हुआ करता था।
सिमट सी गई है जिंदगी , जो कभी खुलकर जिया करता था ।
बॉस की इशारों पर हूँ नाचता , जो कभी खुद का सुना करता था ।
वो दिन ही क्या था यारो ! जब बचपन हुआ करता था ।
© अविनाश अकेला
दोस्तो ! आज मैं लाइफ मे पहली बार हिंदी में कविता लिखा हूँ , मुझे कविता लिखने की कोई ग्रामर पता नही है so आप इसे पढ़े औऱ enjoy करें मेरी hindi Grammar पर ध्यान ना दें । और पसंद आ जाये तो शेयर भी कर दे इस हिंदी में कविता को ।
धन्यवाद ☺☺
बहुत अच्छी कविता लिखा है आपने
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